सभी सम्मानित सदस्यों को प्रातः कालीन नमस्कार !
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सितंबर 2014 से प्रभावी ईपीएफ अधिसूचना का प्रभाव। ( अधिसूचना सलंग्न है )
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पीएफ अधिसूचना के अनुसार, यदि ०१ सितम्बर २०१४ के बाद कोई भी कर्मचारी प्रथम बार भविष्य निधि योजना का सदस्य बनता है और उसका सदस्य बनते समय वेतन रूपये १५०००/- से ज्यादा होता है तो वह केवल का ईपीएफ सदस्य बनेगा बल्कि ईपीएस का सदस्य नहीं बनेगा। यह प्रत्येक उद्योग के लिए बहुत गंभीर और ज्वलंत समस्या है। क्यूंकि यदि सदस्य ईपीएस का सदस्य नहीं बनेगा और उसका अंशदान ईपीएस खाते में नहीं जायेगा और ऐसा होने पर यदि कर्मचारी की किसी दुर्घटनावश मृत्यु हो जाने पर या जीवित रहने पर उसके आश्रितों को और उसको पेंशन का कोई लाभ नहीं मिलेगा। और इस तरह से उसके जीवित न रहने पर उसके आश्रितों को पेंशन के मद में कोई भुगतान नहीं किया जायेगा जो कि बहुत गंभीर समस्या है। क्यूंकि -
०१ - जब भी हम किसी कर्मचारी को नियुक्ति के समय विभिन्न विषयों पर ट्रेनिंग देते हैं तो उसको ईपीएफ अधिनियम के तहत होने वाले लाभों के बारे में बताते हैं। जिसमें ईपीएफ , ईपीएस और EDLI आदि के बारे बताया जाता है, परन्तु उपरोक्त मामलें में ईपीएस का कोई भी लाभ नहीं मिलेगा।
०२. हर कर्मचारी नौकरी के द्वारा उसके न रहने पर उसके अश्रितों के लिए कुछ न कुछ लाभ छोड़ कर जाता है जिससे की उसके आश्रित उसकी अनुपस्थिति में
अपना जीवन यापन आराम से कर सकें।
०३. कर्मचारी और उद्योगों के मध्य समरसता बनी रहे उसके लिए भी जरुरी है की इस तरह के लाभ को कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात उसके आश्रितों को मिलना चाहिए.
कृपया वरिष्ठ सज्जनों से निवेदन है की उपरोक्त मामले को अपने अपने संज्ञान में लेकर प्रकाश डालने की कृपा करें।
From India, Rudarpur
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सितंबर 2014 से प्रभावी ईपीएफ अधिसूचना का प्रभाव। ( अधिसूचना सलंग्न है )
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पीएफ अधिसूचना के अनुसार, यदि ०१ सितम्बर २०१४ के बाद कोई भी कर्मचारी प्रथम बार भविष्य निधि योजना का सदस्य बनता है और उसका सदस्य बनते समय वेतन रूपये १५०००/- से ज्यादा होता है तो वह केवल का ईपीएफ सदस्य बनेगा बल्कि ईपीएस का सदस्य नहीं बनेगा। यह प्रत्येक उद्योग के लिए बहुत गंभीर और ज्वलंत समस्या है। क्यूंकि यदि सदस्य ईपीएस का सदस्य नहीं बनेगा और उसका अंशदान ईपीएस खाते में नहीं जायेगा और ऐसा होने पर यदि कर्मचारी की किसी दुर्घटनावश मृत्यु हो जाने पर या जीवित रहने पर उसके आश्रितों को और उसको पेंशन का कोई लाभ नहीं मिलेगा। और इस तरह से उसके जीवित न रहने पर उसके आश्रितों को पेंशन के मद में कोई भुगतान नहीं किया जायेगा जो कि बहुत गंभीर समस्या है। क्यूंकि -
०१ - जब भी हम किसी कर्मचारी को नियुक्ति के समय विभिन्न विषयों पर ट्रेनिंग देते हैं तो उसको ईपीएफ अधिनियम के तहत होने वाले लाभों के बारे में बताते हैं। जिसमें ईपीएफ , ईपीएस और EDLI आदि के बारे बताया जाता है, परन्तु उपरोक्त मामलें में ईपीएस का कोई भी लाभ नहीं मिलेगा।
०२. हर कर्मचारी नौकरी के द्वारा उसके न रहने पर उसके अश्रितों के लिए कुछ न कुछ लाभ छोड़ कर जाता है जिससे की उसके आश्रित उसकी अनुपस्थिति में
अपना जीवन यापन आराम से कर सकें।
०३. कर्मचारी और उद्योगों के मध्य समरसता बनी रहे उसके लिए भी जरुरी है की इस तरह के लाभ को कर्मचारी की मृत्यु के पश्चात उसके आश्रितों को मिलना चाहिए.
कृपया वरिष्ठ सज्जनों से निवेदन है की उपरोक्त मामले को अपने अपने संज्ञान में लेकर प्रकाश डालने की कृपा करें।
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