Mahavir.Singh
91

हमारा खून हैं शामिल यहाँ की मिटटी में,

किसी के भी बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है |

अगर खिलाफ हैं तो होने दो, जान थोड़ी है |

ये सब धुआँ है , कोई आसमान थोड़ी है |

लगेगी आग तो आएंगे घर तमाम उसमे,

यहाँ पे सिर्फ हमारा ही मकान थोड़ी है |

मै जानता हूँ दुश्मन भी कम नहीं, लेकिन

हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है |

हमारे मुँह से जो निकला, वो इतिहास बन गया,

हमारे मुँह में कोई तुम्हारी जुबान थोड़ी है |

जो आज साहेब-ए-मुल्क हैं, वो कल नहीं होंगे,

किराएदार हैं बस, कोई जात्ती मकान थोड़ी है |

हमारा खून हैं शामिल यहाँ की मिटटी में,

किसी के भी बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है |

जनाब राहत इन्दोरी

जय हिन्द .... वन्देमातरम ....

Attached Files (Download Requires Membership)
File Type: jpg msror.jpg (203.2 KB, 8 views)

Community Support and Knowledge-base on business, career and organisational prospects and issues - Register and Log In to CiteHR and post your query, download formats and be part of a fostered community of professionals.





Contact Us Privacy Policy Disclaimer Terms Of Service

All rights reserved @ 2024 CiteHR ®

All Copyright And Trademarks in Posts Held By Respective Owners.